स्वामी दयानन्द सरस्वती

तीर्थ

  • “जो जल-स्थलमय हैं, वे तीर्थ कभी नहीं हो सकते।.......मनुष्य जिनको करके दुःखों से तरें, उनका नाम ‘तीर्थ' है।" (समु० ११)

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