आर्य समाज की स्थापना के समय महर्षि दयानंद का वक्तव्य
1875 में मुम्बई में जब कई उत्साही सज्जनों ने स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के समक्ष नया ‘समाज’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, तब उस दीर्घद्र...
महर्षि दयानन्द के विषय में मेरा मंतव्य यह है कि वह हिन्दुस्तान के आधुनिक ऋषियों में, सुधारकों में से, श्रेष्ठ पुरुषों में से एक थे। उन का ब्रह्मचर्य, विचार स्वतन्त्रता, सर्व प्रति...
स्वामी दयानंद सरस्वती एक दूरदृष्टा थे, जिन्होंने शिक्षा और सामाजिक सुधारों से लोगों का जीवन उन्नत बनाया। उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि।
वेदों का भाष्य करने के बारे में मेरा विश्वास है कि चाहे अन्तिम पूर्ण अभिप्राय कुछ भी हो, किन्तु इन बातों का श्रेय दयानन्द को ही प्राप्त होगा कि उसने ही सर्व...
महर्षि दयानन्द सरीखे विद्वान् तथा योगिराज की ही ऐसे घोर अंधकार के युग में आवश्यकता थी, क्योंकि बीस शताब्दियों से भी अधिक समय से वेदों पर लगाए गए कलंक के टीके को...
1875 में मुम्बई में जब कई उत्साही सज्जनों ने स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के समक्ष नया ‘समाज’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, तब उस दीर्घद्र...
Swami Dayanand Saraswati was a world teacher. His teachings were not intended for any particular community or country. He envisaged the whole world...